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    • निर्वाचन के दौरान जनसामन्य हेतु आयोग द्वारा जारी टोल-फ्री 1800 180 4280 नम्बर एवं ई-मेल secelectionuk@gmail.com नई
    • प्रदेश के 12 जनपदों में (जनपद हरिद्वार को छोडकर) के त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन, 2025 की अधिसूचना निर्गत होते ही , आयोग द्वारा प्रभावी की गई आदर्श आचरण संहिता (नगरीय क्षेत्र एवं जनपद हरिद्वार को छोडकर) प्रभावी हो गई है। जो मतगणना समाप्ति तक प्रभावी रहेगी।

    विभाग के बारे में

    भारत में पंचायती राज व्यवस्था, प्राचीन परंपराओं में निहित है और महात्मा गांधी द्वारा समर्थित है, जिसे संविधान के अनुच्छेद 40 के माध्यम से संस्थागत रूप दिया गया था। लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की अवधारणा को औपचारिक रूप से बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशों के आधार पर 1959 में अपनाया गया था। स्थानीय शासन को मजबूत करने के लिए, 1993 में 73वें और 74वें संविधान संशोधन ने ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा दिया, राज्य चुनाव आयोगों के माध्यम से नियमित चुनाव अनिवार्य किए। 2000 में उत्तराखंड के गठन के बाद, पंचायती राज संस्थाओं (PRI) और शहरी स्थानीय निकायों (ULB) के चुनावों की देखरेख के लिए 2001 में इसका राज्य चुनाव आयोग स्थापित किया गया था। विशिष्ट राज्य अधिनियमों द्वारा शासित, SEC 13 जिला पंचायतों, 95 ब्लॉकों, 7485 ग्राम पंचायतों, 8 नगर निगमों, 43 नगर पालिका परिषदों और 41 नगर पंचायतों में मतदाता सूची और चुनावों का प्रबंधन करता है।

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    श्री सुशील कुमार आई.ए.एस. (से०नि०)
    राज्य चुनाव आयुक्त, उत्तराखंड श्री सुशील कुमार, आईएएस (सेवानिवृत्त)